International Mother Language Day 2021 माना जाता है कि एक बच्चा जब कोई कहानी सुनाता है, तो इससे उसकी अभिव्यक्ति क्षमता भी मजबूत होती है। वह अपने विचारों को अच्छी तरह से पेश कर दूसरों पर प्रभाव डाल सकता है। अच्छी बात यह है कि तमाम बच्चे-किशोर अंग्रेजी व हिंदी के अलावा अपनी मातृभाषा में भी किस्से-कहानियां सुनाकर अन्य बच्चों को प्रेरित रहे हैं। इसके लिए उन्हें अब कुछ प्लेटफॉर्म भी मिलने लगे हैं...
21 फरवरी, 1952 को बांग्लादेश की ढाका यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तत्कालीन पाकिस्तान सरकार की भाषायी नीति के विरोध में बड़ा आंदोलन किया था। आंदोलनकारी बांग्ला भाषा को आधिकारिक दर्जा देने की मांग कर रहे थे, अंतत: जिसे सरकार को मानना पड़ा था। इस आंदोलन में अनेक युवा शहीद हो गए थे। उन शहीद युवाओं को श्रद्धांजलि देने के लिए ही यूनेस्को ने 1999 में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने की घोषणा की। दरअसल, विश्व में भाषायी एवं सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर वर्ष 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था।
दुनिया भर के 26.5 करोड़ लोग बंगाली भाषा का प्रयोग करते हैं. 17 करोड़ लोगों के साथ 11वें नंबर पर उर्दू का स्थान है. 9.5 करोड़ लोगों के साथ 15वें स्थान पर मराठी, 9.3 करोड़ के साथ 16वें नंबर पर तेलगू और 8.1 करोड़ लोगों के साथ 19वें स्थान पर तमिल भाषा आती है.
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